Love shayari Dard bhari shayari Urdu shayari Hindi shayari Pyar bhare nagme Mohabbat ki baatein Zindagi Kavitayein Azaadi ke nagme
Saturday, March 30, 2013
Wednesday, March 27, 2013
Monday, March 25, 2013
Sunday, March 24, 2013
Saturday, March 23, 2013
Friday, March 22, 2013
Thursday, March 21, 2013
Wednesday, March 20, 2013
Tuesday, March 19, 2013
Monday, March 18, 2013
Sunday, March 17, 2013
Saturday, March 16, 2013
प्यार की कविता हो
तुम्हारा जिक्र ना हो
आँखों में शरारत हो और
तेरा साथ न हो
कोई जीना चाहे और
तुमसा अंदाज़ ना हो
रहे कहीं भी और
तुम्हे हम याद ना हो
जो ऐसा हुआ
मैं मैं ना कहलाऊंगा
मैं खुद को ना भूल जाऊंगा
फिर एक शाम जब तुम्हारे संग बिताऊंगा
भूली बिसरी यादों में खो जाऊंगा
तुम्हारा नाम बार बार दोहराऊंगा
धीरे से कान में तुम्हारे
अपनी शरारत की दास्तान सुनाऊंगा
तुम्हारे प्यार की खातिर खुद को
नज़र अंदाज़ भी करजाउंगा
जो हुआ उसे जाने दो
प्यार के रंग हमें बरसाने दो
Friday, March 15, 2013
Thursday, March 14, 2013
Sunday, March 10, 2013
Saturday, March 9, 2013
Thursday, March 7, 2013
Wednesday, March 6, 2013
Tuesday, March 5, 2013
Monday, March 4, 2013
Sunday, March 3, 2013
खट्टा मीठा
रिश्ता तेरा मेरा सबसे अनूठा
दो अंजानो का मिलना
जैसे फूलों का खिलना
बारी बारी हम तुम
हो जाते हैं गुमसुम
पूछे तो कहते हैं
ऐसी ही होती है प्यार की धुन
जिक्र औरो का कभी हमने किया नहीं
तेरे सिवा और किसी को अपना समझा भी नहीं
वक़्त के साथ साथ
अपनी कमीयों को हमने रुकसत यूँ किया
जैसे तू मेरी बाती मैं तेरा दिया
Saturday, March 2, 2013
हरे हरे खेत
सोने सी रेत
यादों को कुछ रखते हैं सहेज
हमें नहीं है उनसे परहेज
पर वक़्त किसी के रोके रुकता नहीं
हिंदुस्तानी का सर यूँहीं झुकता नहीं
रेशे रेशे से बनती है डोर
एक सच्ची साधारण सी कोशिश
भी ले जाती है उस खुदा की ही ओर
हम उस इतिहास को लिख रहे हैं
जिसका जिक्र हम बरसो से सुन रहे थे
स्वस्थ ,सुंदर देश होगा अपना
भगत सिंहजी की आँखों ने देखा था
कुछ ऐसा ही सपना
विवेकानन्दजी की बातों पे ज़रा गौर करो
शक न खुद पे करना चाहे कुछ और करो
तरकश के तीर
ख्वाजा के पीर
माँ की खीर
राँझा की हीर
खुदा की रहमत हैं
गुल का गुलाब
आजादी के पहले का नवाब
जागती आँखों का ख्वाब
इनकी ना कोई सरहद है
गोविंदा का डांस
पहली नौकरी का चांस
फ्रांस में कांस
लाखों दिलों की धड़कन हैं
हर किसी की आँखों में एक
सपना सजता है
जब जब उस राह को जाता
रास्ता उखड़ता है
लगा यूँ की जैसे सांप कोई डस्ता है
करने को कुछ ख़ास
रखो ज़रा खुद से आस
कोई हो ना हो पास
लगे रहो क्यूंकि तुम हो ख़ास
Friday, March 1, 2013
सुख दुःख के फेर में
ज़िन्दगी की अंधेर में
खो जाए
वो प्यार नहीं
सुबह की सैर में
सागर की लहर में
बह जाए
वो यार नहीं
हर पल एक रोशनी सी
इन आँखों के सामने है रहती
तू निर्मल सी
गंगा बन मेरे जीवन में है बहती
चलते चलते
यूँहीं खिलखिला उठते हैं
लिखते लिखते
तेरी बातों में खो जाया करते हैं
हम हैं अब राहत में
जाने कब दिन गुजर जाता है
तेरी चाहत में
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sad shayari
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