Wednesday, March 20, 2013

समन्दर  है  समन्दर
तुम्हारे जज्बातों में 
मैं ही मैं हूँ तुम्हारे खयालातों में
कुछ अलग ही है तुम्हारा अंदाज़ 
तुम तो हो हमारा नाज़ 
कहती हो हमें तुम ख़ास 
पर हमें है बस एक तुम्ही से आस 

Tuesday, March 19, 2013

समय का पहिया घूमता रहा 
तेरा मेरा मिलना यूं ही चलता रहा 
दिन ब दिन रूप तुम्हारा खिलता रहा 
कंगन तुम्हारा खनकता रहा 
रोशन ...गुजरी दिवाली दीये  कई  हुए 
जब से तुम मिले रोशन हम हुए 
होली के  रंगों में रंगीन भी हुए 
तुम्हारे बिना संगीन भी हुए 
तुम आसमान तो ज़मीन हम हुए 
हर गुजरते  पल के साथ 
हमराज़ हम तुम हुए 

Monday, March 18, 2013

मेहरून लाल हरा 
प्यार तुम्हारा खरा खरा 
नीला सतरंगी गुलाबी 
साथ तुम्हारा ख्वाबी 
दुपट्टा तुम्हारा लहराता 
जिस ओर से गुजरता 
बस ये ही गुनगुनाता 
संग संग तेरे कहीं दूर निकल जायेंगे 
की रास्ते भी  हमें ढूंढ़ नहीं पाएंगे 
इस होली हम तुम 
चाँद भी रंग आयेंगे 
जो कोई पूछे तो
अन्जान हम तुम बन जायेंगे  

Sunday, March 17, 2013

मैं लिखता रहा तुम सुनती रही 
मैं कहता रहा तुम बुनती रही 
सोने सोने सपनो में खोती रही
आँखों की नमी 
कहीं गुम हो गयी  
जशन की है रात 
की तुम हमारी हो गयी 

Saturday, March 16, 2013

प्यार  की कविता हो 
तुम्हारा जिक्र ना हो 
आँखों में शरारत हो और 
तेरा  साथ न हो 
कोई जीना चाहे और 
तुमसा  अंदाज़ ना हो 
रहे कहीं भी और 
तुम्हे हम याद ना हो 
जो  ऐसा हुआ 
मैं मैं ना कहलाऊंगा 
मैं खुद को ना भूल जाऊंगा 
फिर एक शाम जब तुम्हारे संग बिताऊंगा 
भूली बिसरी यादों में खो जाऊंगा 
तुम्हारा नाम बार बार दोहराऊंगा 
धीरे से कान में तुम्हारे 
अपनी शरारत की दास्तान सुनाऊंगा 
तुम्हारे प्यार की खातिर खुद को 
नज़र अंदाज़ भी करजाउंगा 
जो हुआ उसे जाने दो 
प्यार के रंग हमें बरसाने दो 

Friday, March 15, 2013

इस जहां में मुश्किले कम न होंगी 
जब तक  जियेंगे 
शिकवे शिकायते भी लगी ही रहेंगी 
कल हमें आज का यकीन था 
आज हमें तुम्हारा हो  चला 
जीने की  खातिर 
मैं  रहा हर पल  हाज़िर
बस कर देना अपनी 
हर ख्वाहिश हमपे जाहिर 
तुम  हो गयी 
जबसे मुझमे शामिल 
तभी से समझा 
हमने खुद को काबिल 

Thursday, March 14, 2013

उन रास्तों से जा के पूछों 
पत्थर वहाँ कम नहीं थे 
हम उस वक़्त हम नहीं थे 
पर कुछ कहते नहीं थे 
हम सहते भी नहीं थे
धीरे धीरे ही सही 
वक़्त बदलने लगा 
हर पल मेरा संवरने लगा 
बातें  उनकी करते करते 
वक़्त यूँही गुजर जाता है 
सच्चा हो साथी तो 
जीने का ढंग ही 
जैसे बदल जाता है 

Sunday, March 10, 2013

रास्ते वही मंजिलें वही 
मैं भी सही वो भी सही 
फिर भी उसने सुनी मेरी कही 
हम समझ गए उनकी  बातें अनकही 
इस रिश्ते की बात है निराली 
सच्चे प्यार के संग तो  हर पल है दिवाली  
एक दूजे को जो समझें 
उनके जीवन में फैली  खुशहाली ही खुशहाली  

Saturday, March 9, 2013


कहना था मुझे 
और वो बोल पड़ी 
देखा मुझे और वो रो पड़ी 
खोल दी हमने दिल की हर कड़ी 
लगने लगी फूलों  की सी झड़ी 
तभी शिव शक्ति के मिलन का पर्व आया 
प्यार यह तेरा मेरा सबको रास आया 
तू जैसे मेरे दिल में उतर आया 

Thursday, March 7, 2013

ये पल हम यूँ ही ना बिताएंगे 
फूलों से आँगन अपना सजायेंगे 
मौसम बदलते रहे 
हम मिलते बिछदते  रहे 
हर पल एक छुभन  सी  सहते रहे 
तुमसे मिलने  को तरसते रहे 
और खुद  ही से कहते रहे 
ये रुत भी निकल जाएगी 
रात और कितनी गेहराएगी 
वो दिन भी आएगा 
जब तेरी-मेरी सांसें एक हो जायेंगी 
जिस ओर जायेंगे तू हमसे टकराएगी 

Wednesday, March 6, 2013

खबर सुनी है 
कुछ बातें अब भी अनसुनी हैं 
घूम रहे थे समंदर में 
कुछ उलझे पड़े थे बवंडर में 
अब किनारों से हमने किनारा कर लिया 
जीत  लिया ये  जहान 
आसमान की और हमने इशारा कर दिया 
मोहब्बत में लोगो को संवरते  देखा है 
हमने तो तुम्हे  अपने अक्श  में देखा  है 

Tuesday, March 5, 2013

कुछ अनोखे हैं ये रंग 
तुम जो हो  मेरे संग 
जैसे बनी  मेरी धड़कन 
तरंगे प्यार की 
उमंगें यार के दीदार  की 
याद आ रही 
तुम्हारी मुस्कान की 
दूर हूँ तुमसे ये ही 
भूल है इस अनजान की 

Monday, March 4, 2013

मन नहीं मानता 
कोई कैसे उनको पहचानता 
हर हार पे खुद को संभालना 
जैसे तैसे अपनी हार को तालना 
कोई आम बात नहीं थी 
जीत के जश्न में डूबे ऐसी रात 
भी  उन्हें   गवारा नहीं थी 
हारना जीतना तो एक पैमाना भर है
हर पल  जिएं तो ज़िन्दगी भी कम है 
स्वामीजी का यह सन्देश 
मिटाए  जीवन भर का क्लेश 

लिखते लिखते 3 घंटे बिता दिए 
तैयारी में हमने महीनों गुजार दिए 
एक तेरा साथ ना  होता तो 
कैसे लिख  पाते इतना कुछ 
students का सच्चा साथी सचमुच 
parker लिखो खुल के 
जियो दिल से 

जशन  में डूबे हो 
या अपनों दे नाल  बैठे हो 
कोई पूछे कैसे हो 
तो कहदो चाहे जैसे हो 
क्यूँ करते हो देरी की Table सज चुकी है 
आओ की अपनी maggi  बन चुकी  है 


Sunday, March 3, 2013

तमन्ना मेरी भी थी 
और हसरतें भी 
दीवाना मैं भी था 
और दीवानी वो भी 
खुशियों की सौगात सी 
बहती नदिया की धार सी 
कहने को मेरी सजनी है 
कुछ ऐसी ही मेरी जीवन संगिनी है 
खट्टा मीठा
रिश्ता तेरा मेरा सबसे अनूठा 
दो अंजानो का मिलना 
जैसे फूलों का खिलना 
बारी बारी हम तुम
हो जाते हैं गुमसुम 
पूछे तो कहते हैं 
ऐसी ही होती है प्यार की धुन 
जिक्र औरो का कभी हमने किया नहीं 
तेरे सिवा और किसी को अपना  समझा भी नहीं 
वक़्त के साथ साथ 
अपनी कमीयों को हमने रुकसत यूँ किया 
जैसे तू मेरी बाती  मैं  तेरा दिया 

Saturday, March 2, 2013

हरे हरे खेत 
सोने सी रेत 
यादों को कुछ रखते हैं सहेज 
हमें नहीं है उनसे परहेज 
पर वक़्त किसी के रोके रुकता नहीं 
हिंदुस्तानी का सर यूँहीं झुकता नहीं 
रेशे रेशे से बनती है डोर 
एक सच्ची साधारण सी कोशिश
 भी ले जाती है उस खुदा की ही  ओर 
हम उस इतिहास को लिख रहे हैं 
जिसका जिक्र हम बरसो से सुन रहे थे 
स्वस्थ ,सुंदर देश होगा  अपना 
भगत सिंहजी  की आँखों ने देखा था 
कुछ ऐसा ही  सपना 
विवेकानन्दजी की बातों पे ज़रा गौर करो 
शक न खुद पे करना चाहे कुछ  और करो 
तरकश के  तीर 
ख्वाजा के पीर 
माँ की खीर 
राँझा की हीर 
खुदा की रहमत हैं 
गुल का गुलाब 
आजादी  के पहले का नवाब 
 जागती आँखों का ख्वाब 
इनकी ना कोई सरहद है 
गोविंदा का  डांस 
पहली नौकरी का चांस 
फ्रांस में कांस 
लाखों दिलों की धड़कन हैं 
हर किसी की आँखों में एक 
सपना सजता है 
जब जब उस राह को जाता 
रास्ता उखड़ता है 
लगा  यूँ की जैसे सांप कोई डस्ता है   
करने को कुछ ख़ास 
रखो ज़रा खुद से आस 
कोई हो ना हो पास 
लगे रहो क्यूंकि तुम हो ख़ास 

Friday, March 1, 2013


सुख  दुःख   के फेर में 
ज़िन्दगी की अंधेर में 
खो जाए   
वो  प्यार नहीं 
सुबह की सैर में 
सागर की लहर में 
बह  जाए 
वो   यार नहीं 
हर पल एक रोशनी  सी 
इन आँखों के सामने है रहती 
तू  निर्मल सी 
गंगा बन मेरे जीवन में है बहती
चलते चलते 
यूँहीं खिलखिला उठते हैं 
लिखते लिखते 
तेरी बातों में खो जाया करते हैं 
हम हैं अब राहत में 
जाने कब दिन गुजर जाता है 
तेरी चाहत में 

sad shayari

sad shayari मेरी आदतों में तू शुमार है मेरी चाहतो की तू एक किताब है तुझे लेके कहीं दूर जाने की कशमकश में हूँ क्योंकि तू मेरी हमदम मेरी...